Wednesday 28 November 2012

रिटायर हो तो सजे दुकान


screenshot: Sachin Tendulkar Facebook page
आज एक बार फिर घबराहट हो रही है. कॉमन आदमी के साथ साल में एक या दो बार ऐसा हो जाता है. सचिन तेंदुलकर के रिटायरमेंट पर बोला बाली हो रही है और कॉमन मैन घबरा रहा है कि पता नहीं क्या होने वाला है.
खेल वेल तो छोड़िए, खेल के बहाने क्या किया जा सकता है, यह सोचिए. कॉमन मैन तो सोचता है कि इसी बहाने पैसे बटोरने का जुगाड़ लग जाए. अब जिस तरह से बात चल रही है और बीबीसी जैसी संस्था जैसी हेडलाइन लगा रही है, लगता है कि सचिन बाबू गुस्सा हो जाएंगे. अगर ज्यादा गुस्सा हुए, तो खेलना छोड़ देंगे. और ज्यादा हुए तो कह देंगे कि वह ऐसी स्थिति में नहीं खेलना चाहते, जब उनके नाम पर विवाद पैदा हो रहे हों.
बस, दुकान यहीं से चमक सकती है. सुनील गावस्कर और विनोद कांबली जैसे सितारे हमारे मनी प्लांट बन सकते हैं. यहां तक कि केआरके भी मदद कर सकते हैं. इन्हीं लोगों ने सचिन के खिलाफ आवाज उठाने की शुरुआत की है. बस, इनके पुतले बनवाने हैं और लोगों को बेचने हैं. आखिर सचिन रिटायर होंगे, तो भारत में भारी प्रदर्शन होंगे और लोग रिटायरमेंट की वजहों को भी तलाशेंगे. हो गया काम. लोग गावस्कर और कांबली के पुतले फूंकेंगे. पुतलों की मांग इतनी होगी कि सप्लाई नहीं कर पाएंगे. मुंहमांगी कीमत मिलेगी. भला हो कि केआरके दुबई में रहते हैं, वर्ना पता नहीं उनका क्या हाल हो.
गावस्कर ने ही कहना शुरू किया कि सचिन बाबू अब बल्ला नहीं संभाल पा रहे हैं, कांबली जी ने ही कहा कि उनके सखा का वक्त पूरा हो गया है. और तो और एसआरके के बाद सबसे चर्चित स्टार केआरके (अरे भाई, आप कमाल राशिद खान को नहीं जानते) ने भी सचिन को सलाह दी है कि वह क्रिकेट छोड़ दें.
लेकिन कॉमन मैन को यह भी पता है कि न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी. न सचिन रिटायर होंगे न...

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